सोबती-वैद संवाद : सहमति और असहमति के बीच का आकाश
कृष्णा सोबती और कृष्ण बलदेव वैद के बीच भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में एक सघन वार्ता और विचार-विमर्श हुआ। यह बातचीत राजकमल प्रकाशन से पुस्तक रूप में प्रकाशित हुई। यह संवाद साहित्य, समाज और राजन
‘रेख़्ता वो भाषा है जो इस्तेमाल से बनती है’
सालों पहले देश के मूर्द्धन्य शिक्षाविद् कृष्ण कुमार की एक पुस्तक पढ़ी थी—‘विचार का डर’। वैचारिक निबंधों की इस पुस्तक में शिक्षा, समाज और बौद्धिक स्वतंत्रता के परस्पर संबंधों पर गंभीर चिंतन है। शिक्षा
क्या एडम और ईव ब्लैक थे?
‘क्या एडम और ईव ब्लैक थे?’ इन सात शब्दों का गल्प और यथार्थ से गहरा संबंध है और इसे मैं वैसे ही साबित करूँगा जैसे नौंवी कक्षा में हमसे यह सिद्ध करवाया जाता था कि √2 (रूट टू) एक अपरिमेय (Irrational)