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मूल पर उद्धरण

हमें जिस पाप ने घेर रखा है, वह हमारा मतभेद नहीं बल्कि हमारा ओछापन है। हम शब्दों पर झगड़ा करते हैं। कई बार तो हम परछाई के लिए लड़ते हैं और मूल वस्तु को खो बैठते हैं।

महात्मा गांधी

क्षमा तो सब तपस्याओं का मूल है।

बाणभट्ट

किसी भी वस्तु से उसकी आकृति उसके रंग को तत्वतः भिन्न नहीं किया जा सकता।

विजयदान देथा
  • संबंधित विषय : रंग

वस्तु या पदार्थ को अन्यथा करके रंग और आकृति का कोई अमूर्त रूप नहीं होता।

विजयदान देथा