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मुसलमान पर उद्धरण

भारतीय समाज में अल्पसंख्यक

होना भी बहुत जटिलताओं से भरा रहा है। सांप्रदायिकता के उभार ने समय-समय पर भारतीय समाज में धर्मनिरपेक्षता के मूल्य को क्षतिग्रस्त किया है। इस प्रक्रिया में सबसे अधिक आहत मुस्लिम मन और समाज हुआ है। इस चयन में भारत में मुस्लिम होने की जटिलता और मुस्लिम मन की काव्याभिव्यक्तियाँ शामिल की गई हैं।

लगता ऐसा है कि ईमानदार लोगों को हिंदू-मुसलमान बनाने में बेरोज़गारी का हाथ भी है।

राही मासूम रज़ा

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