
देश-प्रेम हो और भाषा-प्रेम की चिंता न हो, यह असंभव है।

अपने समकालीनों या पूर्ववर्तियों से बेहतर होने की चिंता मत करो। ख़ुद से बेहतर बनने की कोशिश करो।

चिंता और बीमारी के बग़ैर मैं बिना पतवार वाली कश्ती की तरह होता।

चिंता करना उस क़र्ज़ का भुगतान करने जैसा है जो आप पर नहीं है।

मैंने अपने जीवन में बहुत सारी चिंताएँ की हैं। इनमें से अधिकांश व्यर्थ थीं।

अपने धर्म की चिंता मनुष्य नहीं करता किंतु दूसरों के लिए वह बराबर धर्म बनाता चलता है।

राजन्! चाहे मनुष्य धन को छोड़े और चाहे धन ही मनुष्य को छोड़ दे—एक दिन ऐसा अवश्य होता है। इस बात को जानने वाला कौन मनुष्य धन के लिए चिंता करेगा?

भविष्य चाहे जितना भी सुखद हो, उस पर विश्वास न करो, भूतकाल की भी चिंता न करो, हृदय में उत्साह भरकर और ईश्वर पर विश्वास कर वर्तमान में कर्मशील रहो।

प्यार में मेरी आधी चिंता यह थी कि प्यार को हानिरहित और ख़ुशनुमा बनाने के लिए उसे क्या रूप दिया जाए।