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चिंता पर दोहे

परेशानी, संकट, पीड़ा,

क्लेश, व्याधि, चिंता

चिंता ताकी कीजिए, जो अनहोनी होइ।

इह मारगु संसार को, नानक थिरु नहिं कोइ॥

गुरु तेगबहादुर

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