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चिंता पर कविताएँ

परेशानी, संकट, पीड़ा,

क्लेश, व्याधि, चिंता

बढ़ती हैं चिंताएँ...

अलेक्सांद्र ब्लोक

आलोड़न

मोना गुलाटी

हानि की मद

मनोज छाबड़ा

रास्ते में मिली दिहिंग नदी

लक्ष्मीकांत मुकुल

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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