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संपूर्ण पर उद्धरण

एक बार, मेरा जीवन मुझे मेरा जीवन बेहद संपूर्ण लगने लगा था। शायद हमको ख़ुद का विध्वंस करना होता है कि रच सकें हम कुछ नया।

चक पैलनिक

यह कहना कि जब सब करेंगे तब हम करेंगे, करने का बहाना है। हमें ठीक लगता है, इसलिए हम करें, जब दूसरों को ठीक लगेगा, तब वे करेंगे —यही करने का मार्ग है।

महात्मा गांधी

काम पूरा हो जाने पर कोई भी उसके करने वाले को नहीं देखता—हित पर ध्यान नहीं देता, अतः सभी कार्यों को अधूरे ही रखना चाहिए।

वेदव्यास

किसी कार्य को अच्छी तरह संपन्न किए बिना छोड़े और सदा सावधान रहे। शरीर में गड़ा हुआ काँटा भी यदि पूर्णरूप से निकाल दिया जाए तो चिरकाल तक विकार उत्पन्न करता है।

वेदव्यास

आदर्श की प्राप्ति समर्पण की पूर्णता पर निर्भर है।

सुभाष चंद्र बोस

इतिहास तो एक सिलसिलेवार मुकम्मिल चीज़ है, और जब तक तुम्हें यह मालूम हो कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में क्या हुआ—तुम किसी एक देश का इतिहास समझ ही नहीं सकतीं।

जवाहरलाल नेहरू

किसी संबंध से बचने के लिए अभाव जितना बड़ा कारण होता है, अभाव की पूर्ति उससे बड़ा कारण बन जाती है।

मोहन राकेश