Font by Mehr Nastaliq Web

समर्पण पर उद्धरण

अभ्यास के बिना साध्य की प्राप्ति हो, यह संभव नहीं है।

संत तुकाराम

पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।

रघुनाथ चौधरी

पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।

रघुवीर चौधरी

हर चीज़ के लिए समर्पित रहो, हृदय खोलो, ध्यान देकर सुनो।

जैक केरुआक

पहले समर्पण करो और फिर देखो।

रमण महर्षि

कार्य-सिद्धि के उपायों में लगे रहने वाले भी असावधानी से अपने कार्यों को नष्ट कर देते हैं।

माघ