
यह कहना कि जब सब करेंगे तब हम करेंगे, न करने का बहाना है। हमें ठीक लगता है, इसलिए हम करें, जब दूसरों को ठीक लगेगा, तब वे करेंगे —यही करने का मार्ग है।

जीवन दायित्व का खेल है, पग-पग पर समझौता है।

जीवन सदैव समझौते के लिए विवश करता है।
यह कहना कि जब सब करेंगे तब हम करेंगे, न करने का बहाना है। हमें ठीक लगता है, इसलिए हम करें, जब दूसरों को ठीक लगेगा, तब वे करेंगे —यही करने का मार्ग है।
जीवन दायित्व का खेल है, पग-पग पर समझौता है।
जीवन सदैव समझौते के लिए विवश करता है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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