यह डायरी तिब्बत के एक बौद्धमठ से अपनी पिछली तिब्बत यात्रा में मुझे प्राप्त हुई थी। मैंने इस का मात्र संपादन किया है। इस की प्रति अत्यंत जीर्ण-शीर्ण हो गई है। इसे पढ़ने का काम मेरे एक बौद्ध भाषाविज्ञ मित्र ने किया है।—लेखक पाटलिपुत्र : राजभवन वैशाख पूर्णिमा
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जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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