मेरी माताजी
कबा गाँधी के एक-एक करके चार विवाह हुए थे। पहली दो पत्नियों से दो लड़कियाँ थीं। अंतिम पुतलीबाई से एक कन्या और तीन पुत्र हुए, जिनमें सबसे छोटा में हूँ।
माताजी साध्वी स्त्री थीं, ऐसी छाप मेरे दिल पर पड़ी है। वह बहुत भावुक थीं। पूजा-पाठ किए बिना कभी भोजन