नवजागरण और स्त्री-कविता
सांस्कृतिक इतिहास की दरारों को भरने के लिए, उसकी असंगतियों को दूर करने के लिए हाल के वर्षों में स्त्री-लेखन पर पुनर्विचार और शोध करने की ज़रूरत महसूस की गयी है। इसे हम स्त्रीवादी इतिहास लेखन कह सकते हैं जो इतिहास का मूल्यांकन जेंडर के नज़रिए से करने का