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मुरझाना पर उद्धरण

कुपित व्यक्ति की पहले विद्या धुँधली हो जाती है और बाद में भृकुटि।

बाणभट्ट

जो कली एक बार पुष्प रूप में स्फुरित हो जाती है वह सदा को मुरझा जाती है।

उमर ख़य्याम