फूल पर गीत

अमेरिकी कवि एमर्सन ने

फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

खिली थी, झर गई बेला

देवेंद्र कुमार बंगाली

एक पेड़ चाँदनी

देवेंद्र कुमार बंगाली

गेंदा फूल

प्रसून जोशी

मैं हूँ बनफूल

भारत भूषण

क्षणों के फूल

शंभुनाथ सिंह

खिले फूल गेंदे के

देवेंद्र कुमार बंगाली

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए