ईश्वर पर कविताएँ
ईश्वर मानवीय कल्पना
या स्मृति का अद्वितीय प्रतिबिंबन है। वह मानव के सुख-दुःख की कथाओं का नायक भी रहा है और अवलंब भी। संकल्पनाओं के लोकतंत्रीकरण के साथ मानव और ईश्वर के संबंध बदले हैं तो ईश्वर से मानव के संबंध और संवाद में भी अंतर आया है। आदिम प्रार्थनाओं से समकालीन कविताओं तक ईश्वर और मानव की इस सहयात्रा की प्रगति को देखा जा सकता है।
संबंधित विषय
- असमिया कविता
- आँख
- आग
- आत्महत्या
- आत्मा
- आध्यात्मिकता
- आँसू
- इच्छा
- ईश्वर
- एनसीईआरटी कक्षा-10 (NCERT CLASS-10)
- एनसीईआरटी समस्त (NCERT ALL)
- ओड़िया कविता
- क्रांति
- गुजराती कविता
- चेहरा
- चीज़ें
- जीवन
- डर
- तेलुगु कविता
- दरवाज़ा
- दलित
- देह
- धर्म
- निंदा
- पंजाबी कविता
- पेट्रोला
- प्रतिरोध
- प्रतीक्षा
- प्रेम
- पुरुष
- प्रार्थना
- पागलपन
- फूल
- भक्ति
- भविष्य
- भाषा
- मृत्यु
- मनुष्य
- मराठी कविता
- माया
- मित्र
- मिथक
- लोक
- वियोग
- विश्वास
- विस्थापन
- शिकायत
- सृजन
- स्त्री
- संबंध
- संसार
- सौंदर्य
- हिंसा