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चिड़िया पर उद्धरण

चिड़ियों का होना बहुत

सी चीज़ों का होना और बचा रहना है। इस चयन में चिड़ियों और पक्षियों पर लिखी गई कविताएँ संकलित हैं।

देशप्रेम है क्या? प्रेम ही तो है। इस प्रेम का आकलन क्या है? सारा देश अर्थात् मनुष्य, पशु, पक्षी, नदी, नाले, वन, पर्वत सहित सारी भूमि। यह साहचर्यगत प्रेम है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

अपना दिमाग़ खोलो। तुम क़ैदी नहीं हो। तुम सपनों के लिए आसमान खोजने वाले, उड़ान भरने वाले पक्षी हो।

हारुकी मुराकामी

पिंजरा पक्षी की तलाश में निकला।

फ्रांत्स काफ़्का

जंगल में रहने वाले पक्षी की उपेक्षा पिंजड़े का पक्षी ही अधिक फड़फड़ाता है।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय