कड़वक
यह स्वतंत्र छंद नहीं है, बल्कि एक शैली है। एक निश्चित कर्म में पाँच या सात चौपाइयों के बाद एक दोहे का प्रयोग। अपभ्रंश काव्य में दोहे के स्थान पर अडिल्ल का प्रयोग किया जाता रहा। सूफ़ियों ने अडिल्ल के स्थान पर दोहे का प्रयोग किया जिसे धत्ता कहा जाता है।
भक्ति-काव्य की निर्गुण धारा के अंतर्गत समाहित सूफ़ी काव्य के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि। ‘पद्मावत’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।