चौकड़ियाँ
बुंदेलखंड का लौकिक छंद। चार कड़ियों में लिखे जाने के कारण इसे चौकड़िया कहा गया। कुछ विद्वानों के अनुसार इस छंद के पुरस्कर्ता ईसुरी हैं।
वल्लभ संप्रदाय से संबद्ध। कृष्ण-भक्ति के सरस पदों के लिए ख्यात। साहित्येतिहास ग्रंथों में प्रायः उपेक्षित।
कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। कुंभनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।
दादू के प्रधान शिष्यों में से एक। दया, उदारता और देह की अनित्यता पर सरल भाषा में लिखे पदों के लिए स्मरणीय।