गीत
गीत, काव्य की एक लोकप्रिय विधा है। यह विधा स्वर, पद और ताल से युक्त होती है। इसमें एक मुखड़ा और कुछ अंतरे होते हैं। प्रत्येक अंतरे के बाद मुखड़े को दुहराया जाता है। गेयता इसकी प्रमुख विशेषता है।
सूफ़ी संत, संगीतकार, इतिहासकार और भाषाविद। हज़रत निज़ामुद्दीन के शिष्य और खड़ी बोली हिंदी के पहले कवि। ‘हिंदवी’ शब्द के पुरस्कर्ता।
अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। ‘छाया मत छूना’ शीर्षक गीत के लिए चर्चित।
सुप्रसिद्ध गीतकार। विद्रोही और प्रगतिशील विचारों के लिए उल्लेखनीय।
हिंदी के बेहद लोकप्रिय गीतकार। पद्म भूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित।
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।
आधुनिककाल की अलक्षित कवयित्री। इतिवृतात्मक शैली में राष्ट्रप्रेम को कविताओं का वर्ण्य-विषय बनाया।
सुचर्चित गीतकार। आधुनिक हिंदी कविता के पहले दलित कवि। प्रारंभिक गीत, रचनाएँ और पुस्तकें देवेंद्र कुमार के नाम से प्रकाशित और प्रशंसित।
सुविख्यात कवि-गीतकार और संपादक। सिनेमा के लिए लिखे गए गीतों के लिए भी चर्चित।
सातवें दशक के कवि। कहन में संक्षिप्तता, स्मृति और कविता-पाठ के लिए उल्लेखनीय।
आधुनिक खड़ी बोली के प्रारंभिक कवियों में से एक। बहुभाषी। 'गर्भरंडा रहस्य' नामक कृति से चर्चित।
बीकानेर नरेश के भाई और अकबर के दरबारी कवि। भक्ति साहित्य के लिए प्रसिद्ध। 'डिंगल' भाषा के प्रधान कवियों में से एक।
भारतेंदु युग के महत्त्वपूर्ण कवि, गद्यकार और संपादक। 'ब्राह्मण' पत्रिका से चर्चित।
हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय कवि-गीतकार। पटकथा और विज्ञापन-लेखन के लिए भी मशहूर।
भारतेंदु युग के सुपरिचित लेखक। इनका स्मरण हिंदी साहित्य के प्रथम उत्थान का स्मरण है।
सरल भाषा में देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करने वाली भारतेंदु युगीन कवयित्री।
भारतेंदुयुगीन रचनाकार। 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक। 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। कविता के साथ-साथ अपने रेखाचित्रों के लिए भी प्रसिद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
पारसी रंगमंच शैली के लोकप्रिय हिंदी नाटककार। ‘राधेश्याम रामायण’ कृति के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित गीतकार। 'भीड़ में बाँसुरी' और 'अक्षरों की कोख से' शीर्षक दो गीत-संग्रह प्रकाशित।
नवगीत काव्यधारा के प्रमुख कवियों में से एक युयुत्सावादी कवि। क्रांतिकारी विचारों के लिए उल्लेखनीय।
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार। महाप्राण नाम से विख्यात।
प्रगतिशील शायर और गीतकार। प्रतिष्ठित पुरस्कार 'पद्मश्री' से सम्मानित।
‘मधुशाला’ के लिए मशहूर समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।