सबै जात गोपाल की
(एक पंडित और एक क्षत्री आते हैं।)
क्षत्री—महाराज देखिए बड़ा अंधेर हो गया है कि ब्राह्मणों ने व्यवस्था दे दी कि कायस्थ भी क्षत्री हैं, कहिए अब कैसे काम चलैगा।
पंडित—क्यों इसमें दोष क्या हुआ? ‘‘सबै जात गोपाल की’’ और फिर यह तो हिंदुओं का शास्त्र पंसारी