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व्यक्तित्व पर उद्धरण

जो हम हो नहीं सकते, उसके लिए प्रयत्न करना बेकार है।

हजारीप्रसाद द्विवेदी

हमारा व्यक्तित्व जैसा होगा, वैसा ही दुनिया का नक्शा हम बनाएँगे। इसे 'चारित्र्य' कहते हैं।

दादा धर्माधिकारी