स्वदेश दीपक के उद्धरण



औरत जब लड़की में बदल जाए तो बिल्कुल चुप रहो। थक जाए, चुप हो जाए, तो मर्दों का बनाया सबसे झूठा वाक्य बोलो, आप तो ग़ुस्से में और सुंदर हो जाती हैं।


पुरुष जब बिस्तर में बेकार हो जाए, बेरोज़गार हो जाए, बीमार हो जाए तो पत्नी को सारे सच्चे-झूठे झगड़े याद आने लगते हैं। तब वह आततायी बन जाती है। उसके सर्पीले दाँत बाहर निकल आते हैं।

उस भाषा के साहित्य का दुर्भाग्य तय है, जहाँ आलोचक महान् हों, कवि नहीं।

सुंदर औरत नादिरशाही होती है। एक-एक करके सब कुछ लूटती है।

एक रमणीय स्त्री का सारा इतिहास प्रेम का इतिहास होता है।

नाटक में शब्दों से मोह हो जाता है। यह फ़ालतू का मोह जानलेवा हो जाता है। अभिनेता के लिए भी, निर्देशक के लिए भी, यह बात मुझे रंजीत कपूर ने बताई थी।



तानाशाह प्रेमिका एक प्रेमी से बहुत जल्द उकता जाती है। पालतू बनाने और निस्तेज करने के लिए उसे नया पुरुष चाहिए।


अपने अनुभव से हासिल किया ज्ञान है कि डाॅक्टर और माशूक़ कभी नहीं बदलने चाहिए। आप फ़ालतू सवालों से बच जाते हैं।
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औरत एक छोटा-सा सुख तो देती है, लेकिन दुख बहुत लंबा देती है। प्रभुजी का बनाया विनाशकारी जीव। उसका घातक सौंदर्य पहले हमें बाँध लेता है, फिर सर्वनाश कर देता है।

प्रेम खिड़की से अंदर आता है, दरवाज़े से बाहर चला जाता है।
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संबंधित विषय : प्रेम
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एक औरत बहुत सुंदर हो तो उससे प्रणय-याचना करनी चाहिए।

जो आयु को चैलेंज करेगा, आस्कर वाइल्ड की 'पिक्चर ऑफ डोरियन ग्रे' बन जाएगा।
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दूसरों द्वारा किए गए अपमान का बदला हम अपने से कमज़ोर से लेते हैं।
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संबंधित विषय : हिंसा
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एक विशुद्ध कवि जब सहवास कराता है तो ‘निराला’ हो जाता है। ‘जुही की कली’ और ‘राम की शक्ति-पूजा’। एक महान् कवि सहवास कराता है तो मैथिलीशरण गुप्त हो जाता है। राष्ट्रकवि हमेशा अप्रामाणिक होते हैं।
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कवियों को आलोचकों और वेश्याओं ने इतना बरबाद नहीं किया, जितना उनकी बीवियों ने।
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एक छोटा-सा वाक्य जो जीवन के नब्बे प्रतिशत छोटे-छोटे निजी अवसाद दूर कर देता है—'आय हम सॉरी।'
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संबंधित विषय : जीवन
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कविता का अच्छा होना ही काफ़ी नहीं, सवाल यह है कि कविता कहीं जाती भी है।
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संबंधित विषय : कविता
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मंच-संचालक बन जाने से कोई मूर्ख विद्वान नहीं बन जाता।
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संबंधित विषय : निंदा
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भीड़ में जब नया आदमी शामिल हो तो पहले से खड़े लोगों को वह बुरा लगता है।
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ख़ूबसूरत औरतों को चापलूस और चमचा मर्दों की आदत हो जाती है।
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संबंधित विषय : स्त्री
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