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स्वदेश दीपक

1942 | रावलपिंडी, पंजाब

अत्यंत प्रतिष्ठित और प्रशंसित कथाकार व नाटककार। 'मैंने मांडू नहीं देखा' और 'कोर्टमार्शल' बहुचर्चित पुस्तकें। असमय अलक्षित।

अत्यंत प्रतिष्ठित और प्रशंसित कथाकार व नाटककार। 'मैंने मांडू नहीं देखा' और 'कोर्टमार्शल' बहुचर्चित पुस्तकें। असमय अलक्षित।

स्वदेश दीपक के उद्धरण

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भय का राज्य पल भर में फैल जाता है।

  • संबंधित विषय : डर

औरत जब लड़की में बदल जाए तो बिल्कुल चुप रहो। थक जाए, चुप हो जाए, तो मर्दों का बनाया सबसे झूठा वाक्य बोलो, आप तो ग़ुस्से में और सुंदर हो जाती हैं।

फूल हमेशा चुपचाप सूखते हैं।

  • संबंधित विषय : फूल

सही कवि भविष्य में देख सकते हैं।

पुरुष जब बिस्तर में बेकार हो जाए, बेरोज़गार हो जाए, बीमार हो जाए तो पत्नी को सारे सच्चे-झूठे झगड़े याद आने लगते हैं। तब वह आततायी बन जाती है। उसके सर्पीले दाँत बाहर निकल आते हैं।

उस भाषा के साहित्य का दुर्भाग्य तय है, जहाँ आलोचक महान् हों, कवि नहीं।

नाटक में शब्दों से मोह हो जाता है। यह फ़ालतू का मोह जानलेवा हो जाता है। अभिनेता के लिए भी, निर्देशक के लिए भी, यह बात मुझे रंजीत कपूर ने बताई थी।

एक रमणीय स्त्री का सारा इतिहास प्रेम का इतिहास होता है।

सुंदर औरत नादिरशाही होती है। एक-एक करके सब कुछ लूटती है।

तानाशाह प्रेमिका एक प्रेमी से बहुत जल्द उकता जाती है। पालतू बनाने और निस्तेज करने के लिए उसे नया पुरुष चाहिए।

आत्म के दुःख कभी नहीं बाँटे जा सकते।

मेरे पास जूते हैं, मुझे मेरे पैर लौटा दो।

अपने अनुभव से हासिल किया ज्ञान है कि डाॅक्टर और माशूक़ कभी नहीं बदलने चाहिए। आप फ़ालतू सवालों से बच जाते हैं।

प्रेम खिड़की से अंदर आता है, दरवाज़े से बाहर चला जाता है।

जो आयु को चैलेंज करेगा, आस्कर वाइल्ड की 'पिक्चर ऑफ डोरियन ग्रे' बन जाएगा।

वृद्धों और पागलों पर कोई दया नहीं करता।

बच्चे झट से सत्य के आस-पास पहुँच जाते हैं।

औरत एक छोटा-सा सुख तो देती है, लेकिन दुख बहुत लंबा देती है। प्रभुजी का बनाया विनाशकारी जीव। उसका घातक सौंदर्य पहले हमें बाँध लेता है, फिर सर्वनाश कर देता है।

कुछ दुख उम्र के साथ समझे जाते हैं।

एक औरत बहुत सुंदर हो तो उससे प्रणय-याचना करनी चाहिए।

सत्य कभी भी दयावान नहीं होता। हम कहाँ चुन सकते हैं अपना भाग्य।

अपनी भाषा हमें ताक़त देती है।

लेखकों के महान् होने का निणर्य भविष्य करता है।

एक बहुत ख़ूबसूरत औरत निर्दयी शक्तियों की मल्लिका होती है।

सौंदर्य से आँखें पराई हो जाती हैं और तब प्राप्ति-लालसा बढ़ जाती है।

प्रेम और युद्ध के तरीक़े एक जैसे। जो हारे, वह युद्धबंदी।

सत्य कभी दया नहीं करता।

  • संबंधित विषय : सच

एक विशुद्ध कवि जब सहवास कराता है तो ‘निराला’ हो जाता है। ‘जुही की कली’ और ‘राम की शक्ति-पूजा’। एक महान् कवि सहवास कराता है तो मैथिलीशरण गुप्त हो जाता है। राष्ट्रकवि हमेशा अप्रामाणिक होते हैं।

प्यार के दिनों में हम शरीर से सुगंध में बदल जाते हैं।

सुंदर औरत कभी सलाह नहीं माँगती, बर्बाद करती है, नहीं तो हो जाती है।

कायर पिता संतान को अच्छे नहीं लगते।

हिंदी के हैड हमेशा कवि-आलोचक होते हैं।

आग हर शहर में जला सकती है। यह आग का धर्म है।

  • संबंधित विषय : आग

एक छोटा-सा वाक्य जो जीवन के नब्बे प्रतिशत छोटे-छोटे निजी अवसाद दूर कर देता है—'आय हम सॉरी।'

मंच-संचालक बन जाने से कोई मूर्ख विद्वान नहीं बन जाता।

कविता का अच्छा होना ही काफ़ी नहीं, सवाल यह है कि कविता कहीं जाती भी है।

कवियों को आलोचकों और वेश्याओं ने इतना बरबाद नहीं किया, जितना उनकी बीवियों ने।

  • संबंधित विषय : कवि

दूसरों द्वारा किए गए अपमान का बदला हम अपने से कमज़ोर से लेते हैं।

जब हम प्यार कर रहे होते हैं तो मूर्ख होते हैं।

ख़ूबसूरत औरतों को चापलूस और चमचा मर्दों की आदत हो जाती है।

सुंदर हमेशा भयावह होता है।

औरत एक जादू होती है।

चीता अपनी जीवनधारा कभी नहीं बदलता।

प्रलाप का अर्थ है प्रलाप।

भीड़ में जब नया आदमी शामिल हो तो पहले से खड़े लोगों को वह बुरा लगता है।

  • संबंधित विषय : भीड़

दुख एकदम मज़बूत भी बनाता है, अपने प्रति क्रुअल भी।

  • संबंधित विषय : दुख

शब्दों की शादी करते समय चौकन्ना रहना चाहिए।

शिकार करना दिमाग़ी खेल है, सिर्फ़ ताक़त नहीं।

परजीवी हमेशा बहुत सख़्तजान होते हैं।

सच हथेली पर उग आया अंगारा होता है।

  • संबंधित विषय : सच

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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