Font by Mehr Nastaliq Web

देखभाल पर उद्धरण

देखभाल, सुरक्षा, परवाह,

या चिंता। यह शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थिति की भलाई के लिए ध्यान रखने या उसकी रक्षा करने के भाव को दर्शाता है। इसका उपयोग उस संवेदना और जिम्मेदारी को व्यक्त करने के लिए भी किया जाता है जो हम दूसरों के प्रति महसूस करते हैं।

बच्चा एक अनकही कहानी होता है, उसकी कहानी हमारे दिए शब्दों में नहीं कही जा सकती। उसे अपने शब्द ढूँढ़ने का समय और स्थान चाहिए, ढूँढ़ने के लिए ज़रूरी आज़ादी और फ़ुर्सत चाहिए। हम इनमें से कोई शर्त पूरी नहीं करते। हम उन्हें अपने उपदेश सुनने से फ़ुर्सत नहीं देते, उन्हें सुनने की फ़ुर्सत हमें हो–यह संभव ही नहीं।

कृष्ण कुमार

प्यार—देखभाल, प्रतिबद्धता, ज्ञान, ज़िम्मेदारी, सम्मान और विश्वास का मेल है।

बेल हुक्स

एकमात्र जीवन ही है जिसकी मुझे परवाह है—लिखना, कभी-कभार बाहर जाना और देखना और सुनना और उसके बाद वापस आकर फिर से लिखना। मैंने यही जीवन चुना है।

कैथरीन मैंसफ़ील्ड

मैं किताब पढ़ पाने के ख़याल से डरता हूँ।

ओउज़ अताय

जो व्यक्ति स्वयं अपने सम्मान का ख़्याल नहीं करता वह दास ही बन जाता है।

महात्मा गांधी

अगर कोई व्यक्ति आपकी बहुत प्रशंसा करता है, तो आप उससे घृणा करते हैं और आपको उसकी परवाह नहीं होती—और जो व्यक्ति आपकी ओर ध्यान नहीं देता, आप उसकी प्रशंसा करने के लिए तैयार रहते हैं।

कार्सन मैक्कुलर्स

यदि तुम्हारी इच्छाएँ अनंत होंगी, तो तुम्हारी चिंताएँ भय भी अनंत ही होंगे।

थॉमस फ़ुलर

प्रजा-पालन के अधिकार (कर्त्तव्य) में विश्राम नहीं है।

कालिदास

जो निष्काम कर्म की राह पर चलता है, उसे इसकी परवाह कब रहती है कि किसने उसका अहित साधन किया है।

बंकिम चंद्र चटर्जी

जड़ कट जाने पर वृक्ष का पालन कैसा?

शूद्रक
  • संबंधित विषय : पेड़

ओह! मैंने यत्नपूर्वक कुछ करते हुए अपना जीवन नष्ट कर दिया।

ह्यूगो ग्रोटियस