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वैश्विक कविता पर कविताएँ

अप्रैल

नेन्सी मोरेजॉन

वह

अलेक्सांद्र ब्लोक

इन्का

क्रेग रेन

दुर्दिन है आज

ओसिप मंदेलश्ताम

विदा

सर्गेई येसेनिन

ईर्ष्या

मारीना त्स्वेतायेवा

विदा

तादेऊष रूज़ेविच

सौभाग्य

तादेऊष रूज़ेविच

शोधन

तादेऊष रूज़ेविच

जयंती

व्लादिमीर मायाकोव्स्की

शब्दों से परे

तादेऊष रूज़ेविच

सुनहरे पहाड़

तादेऊष रूज़ेविच

ज़िंदा बच गया

तादेऊष रूज़ेविच

बचपन की स्मृति

तादेऊष रूज़ेविच

कविता और टैक्स-इंसपेक्टर

व्लादिमीर मायाकोव्स्की

कौन ग़ैरहाज़िर है

तादेऊष रूज़ेविच

झोंटा

तादेऊष रूज़ेविच

दीवार

तादेऊष रूज़ेविच

हंस गीत

डब्ल्यू. एस. रेण्ड्रा

वापसी

तादेऊष रूज़ेविच

खोज

फेदेरीको गार्सिया लोर्का

मेरे लोग

जॉन गुज़लॉवस्की

शाम 6 बजे के उद्भव पर

मिरोस्लाव होलुब

कभी-कभी मैं

अन्ना अख्मातोवा

आत्मा को शांति मिले

निकानोर पार्रा

प्रेमालाप

निकानोर पार्रा

आख़िरी प्याला

निकानोर पार्रा

ग्रीष्म में

अलेक्सांद्र ब्लोक

वियतनाम

वीस्वावा षिम्बोर्स्का

कोशिश करती है वो

तादेऊष रूज़ेविच

अजनबी स्त्री

अलेक्सांद्र ब्लोक

जब हेलेन जीती थी

विलियम बटलर येट्स

हवा के कहे की गाथा

रफ़ाइल अलबर्ती

वे चले गए

रफ़ाइल अलबर्ती

वन मैंने लूट डाले

एमिली डिकिन्सन

दाँत

मिरोस्लाव होलुब

बुरा क्षण

रफ़ाइल अलबर्ती

एक कवि से बातचीत

मिरोस्लाव होलुब

अपने बेटों के बेटे

इलिया एहरेनबुर्ग

रूसी क्रांति के प्रति

वालेरी ब्रियुसोव

खेल के पहले

वास्को पोपा

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