वियोग पर कविताएँ

वियोग संयोग के अभाव

या मिलाप न होने की स्थिति और भाव है। शृंगार में यह एक रस की निष्पत्ति का पर्याय है। माना जाता है कि वियोग की दशा तीन प्रकार की होती है—पूर्वराग, मान और प्रवास। प्रस्तुत चयन में वियोग के भाव दर्शाती कविताओं का संकलन किया गया है।

एक और ढंग

श्रीकांत वर्मा

पार करना

प्रदीप सैनी

इच्छा

सौरभ अनंत

प्रेम में

सुधांशु फ़िरदौस

तुम अगर सिर्फ़

सारुल बागला

पलाश

मनोज कुमार पांडेय

बाहर बारिश

अविनाश मिश्र

द्वितीया

अज्ञेय

स्पर्श

मदन कश्यप

पति-पत्नी

निखिल आनंद गिरि

नमक पर यक़ीन ठीक नहीं

नवीन रांगियाल

दाख़िल-ख़ारिज

सुधांशु फ़िरदौस

बेटी का स्कूल

निखिल आनंद गिरि

इतना भर प्रेम

गौरव गुप्ता

कैसे रहोगे

पंकज चतुर्वेदी

मैं लिखूँगी प्रेम

स्मिता सिन्हा

टूटता वृक्ष

वसु गंधर्व

हिज्र

सुधांशु फ़िरदौस

विस्मरण

वसु गंधर्व

जन्म

स्मृति प्रशा

वही नहीं है

अशोक वाजपेयी

आह

मनोज कुमार पांडेय

मृत्यु

देवयानी भारद्वाज

हिज्र

नवीन रांगियाल

प्रेम

अनुजीत इक़बाल

शेड

नवीन रांगियाल

विदा की भाषा

गौरव गुप्ता

मैं ख़त देखता हूँ

पंकज विश्वजीत

विरह का गीत

कांतानाथ पांडेय 'चोंच'

सुबह

कुलदीप कुमार

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