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वियोग पर कड़वक

वियोग संयोग के अभाव

या मिलाप न होने की स्थिति और भाव है। शृंगार में यह एक रस की निष्पत्ति का पर्याय है। माना जाता है कि वियोग की दशा तीन प्रकार की होती है—पूर्वराग, मान और प्रवास। प्रस्तुत चयन में वियोग के भाव दर्शाती कविताओं का संकलन किया गया है।

बारहमासा (चैत्र)

मुल्ला दाउद

नागमती वियोग (आठ)

मलिक मोहम्मद जायसी

बारहमासा (सावन)

मुल्ला दाउद

नागमती वियोग (ग्यारह)

मलिक मोहम्मद जायसी

बारहमासा (माघ)

मुल्ला दाउद

बारहमासा (पौष)

मुल्ला दाउद

बारहमासा (आषाढ़)

मुल्ला दाउद

नागमती वियोग (नौ)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (दस)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (सात)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (पाँच)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (चौदह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (पंद्रह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (सत्रह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (बारह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (तेरह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (छह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (तीन)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (एक)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (चार)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (सोलह)

मलिक मोहम्मद जायसी

नागमती वियोग (दो)

मलिक मोहम्मद जायसी

बारहमासा (वैशाख)

मुल्ला दाउद

विदाई

मंझन