18 नवम्बर 2025
मार्गरेट एटवुड : मर्द डरते हैं कि औरतें उनका मज़ाक़ उड़ाएँगीं
Men are afraid that women will laugh at them. Women are afraid that men will kill them. मार्गरेट एटवुड का मशहूर जुमला—मर्द डरते हैं कि औरतें उनका मज़ाक़ उड़ाएँगीं; औरतें डरती हैं कि मर्द उन्हें क़त्ल
11 नवम्बर 2025
पाप से अछूती देवी नहीं, करुणा से पवित्र हुई पापिनी!
सोन्या! वह जैसे ‘क्राइम एंड पनिशमेंट’ के उजाड़ नैतिक दृश्य से एक विसंगति रखती है। वह किसी आदर्श प्रतिमा की तरह नहीं गढ़ी गई है, बल्कि एक जीवित विडंबना है। कैसी स्त्री जो अँधेरे में दीप्त होती है!
10 नवम्बर 2025
लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई : विनाशकारी भविष्य की आहटों को सुनने वाला लेखक
लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले दूसरे हंगेरियन लेखक हैं। उनसे पहले यह सम्मान दिवंगत इमरे केर्तेश (Imre Kertész) (1929 –2016) को मिला था, जिनकी हंगरी के बाहर
07 नवम्बर 2025
कामू-कमला-सिसिफ़स
“The struggle itself toward the heights is enough to fill a man’s heart. One must imagine Sisyphus happy.” —अल्बैर कामू, द मिथ ऑफ़ सिसिफ़स कुछ सुबहें होती हैं जब दुनिया कुछ तिरछी प्रतीत होती है
15 अक्तूबर 2025
लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई : प्रलय के प्रतिरोध में खड़ा एक लेखक
साहित्य के क्षेत्र में 2025 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई को पिछले एक दशक में पढ़ते हुए बार-बार यह महसूस होता है कि मैं ऐसे लेखक की संगत में हूँ, जो अपनी भाषा की ज़मी
09 अक्तूबर 2025
इस बार के नोबेल विजेता लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई के 10 नीतिवचन
यह बात अपने दिमाग़ में घुसा लो—चुटकुले ज़िंदगी की तरह होते हैं। ~ जब मैं काफ़्का को नहीं पढ़ रहा होता हूँ, तब मैं काफ़्का के बारे में सोच रहा होता हूँ। जब मैं काफ़्का को नहीं सोच रहा होता हूँ,
22 मार्च 2025
मार्सेल प्रूस्त : स्मृति का गद्यकार
“…ख़ैर, प्रूस्त के बाद लिखने के लिए क्या ही बचता है!” (Virginia Woolf, Letters, Vol-2) वर्जीनिया वुल्फ़ की यह टिप्पणी, मानव चेतना, स्मृति और समय के बारे में मार्सेल प्रूस्त के लेखन की उस सिफ़त को रे
द वेजिटेरियन : हिंसा और अन्याय से मुक्ति का स्वप्न
“मुझे एक स्वप्न आया था” कोरियाई लेखिका हान कांग के उपन्यास ‘द वेजिटेरियन’ के मूल में यही वाक्य है, जो उपन्यास की पात्र योंग-हे निरंतर दुहराती रहती है। यह वाक्य साधारण ध्वनित कर सकता है लेकिन यह शो
29 दिसम्बर 2024
बिल्लियों की बेपरवाही पर आप क्या सोचते हैं!
न जाने कितनी सदियों से अब तक आदमी कुत्तों, बैलों, घोड़ों, मुर्ग़ों और अन्य जानवरों से घिरा रहा; लेकिन बिल्लियाँ इस पूरे इतिहास के ऊपर बैठकर, नीमबाज़ आँखों से धूप सेंक रही हैं। बिल्लियाँ चलता-धड़कत
13 दिसम्बर 2024
जो बचा है वह है बस शब्दों का एक नगर
मैं, पम्पा कम्पाना, हूँ इस कृति की रचयिता/ मैंने एक साम्राज्य का उत्थान और पतन देखा है/ अब उन्हें कैसे याद करता है कोई, उन राजाओं और उन रानियों को?/ अब वे बचे हैं बस शब्दों में/ वे थे तो थे विजेता या
08 दिसम्बर 2024
हान कांग के उपन्यासों में अवसाद
Is it true that human beings are fundamentally cruel? Is the experience of cruelty the only thing we share as a species? (The Prisoner 1990, Human Acts) हान कांग के उपन्यासों को पढ़ने की होड़ और
13 नवम्बर 2024
बुकर विजेता किताब 'ऑर्बिटल' के बारे में
अंतरिक्ष शब्द सुनते ही मैं आतंकित महसूस करता हूँ। मैं जिस शहर में बढ़ा हुआ वह करनाल के बहुत नज़दीक था—जहाँ चाँद पर क़दम रखने वाली पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ। जब कोलंबि
24 अक्तूबर 2024
एक स्त्री बनने और हर संकट से पार पाने के बारे में...
हान कांग (जन्म : 1970) दक्षिण कोरियाई लेखिका हैं। वर्ष 2024 में, वह साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखक और पहली एशियाई लेखिका बनीं। नोबेल से पूर्व उन्हें उनके उपन
24 अक्तूबर 2024
अर्थ की खोज में हम भटक जाते हैं, सारे सफल-असफल प्रयास मेरी प्रेरणा हैं
हान कांग (जन्म : 1970) दक्षिण कोरियाई लेखिका हैं। वर्ष 2024 में, वह साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखक और पहली एशियाई लेखिका बनीं। नोबेल से पूर्व उन्हें उनके उपन
20 जुलाई 2024
‘द सेंस ऑफ़ एन एंडिंग’ : आशिक़ बना देने वाला नॉवेल
इंसान शायद इसीलिए सबसे अकेला जानवर भी है, क्योंकि उसने अपने लिए जीवन के उसूल बनाए हैं। जूलियन बार्न्स के नॉवेल ‘द सेंस ऑफ़ एन एंडिंग’ का जब मैंने अध्ययन किया, तब उनकी इस छोटी-सी किताब से मुझे अप
12 जुलाई 2024
लिखना, सुई से कुआँ खोदना है
मेरे लिए, एक लेखक होने का मतलब है किसी व्यक्ति के अंदर छिपे दूसरे व्यक्ति की खोज करना; और उस दुनिया की भी जो वर्षों तक धैर्यपूर्वक काम करके उस व्यक्ति को बनाती है। जब मैं लेखन की बात करता हूँ, तो