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यथार्थ पर कविताएँ

आत्मपरिचय

हरिवंशराय बच्चन

फ़र्श पर

निर्मला गर्ग

संध्या के बाद

सुमित्रानंदन पंत

बुरे समय में नींद

रामाज्ञा शशिधर

बैलेंस्ड ज़िंदगी

बबली गुज्जर

हस्तक्षेप

श्रीकांत वर्मा

अ-विरोध

रामकृष्ण झा ‘किसुन’

खरखइँचा

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

असलियत

मायानंद मिश्र

सोचो एक दिन

हरे प्रकाश उपाध्याय

कॉकरोच

द्वारिका उनियाल

दो दृश्य

मैथिलीशरण गुप्त

छल

कुमार मंगलम

सोच समझ कर आना तुम

प्रियंका यादव

खिड़की के पार

सीमा सिंह

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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