प्रतिरोध पर कविताएँ
आधुनिक कविता ने प्रतिरोध
को बुनियादी कर्तव्य की तरह बरता है। यह प्रतिरोध उस प्रत्येक प्रवृत्ति और स्थिति के विरुद्ध मुखर रहा है, जो मानव-जीवन और गरिमा की आदर्श स्थितियों और मूल्यों पर आघात करती हो। यहाँ प्रस्तुत है—प्रतिरोध विषयक कविताओं का एक व्यापक और विशिष्ट चयन।
संबंधित विषय
- अकेलापन
- आँख
- आग
- आत्म
- आत्महत्या
- आत्मा
- आवाज़
- ईश्वर
- उम्मीद
- करुणा
- क्रांति
- कविता
- किसान
- कोरोना
- ग़रीबी
- चीज़ें
- छेड़छाड़
- जन्म
- डर
- दुख
- धर्मनिरपेक्षता
- निंदा
- पेट्रोला
- पत्थर
- प्रतिरोध
- पागलपन
- भविष्य
- मज़दूर
- मृत्यु
- मैथिली कविता
- मुसलमान
- मित्र
- मिथक
- युद्ध
- यातना
- यौवन
- रात
- रोग
- लंबी कविता
- लोक
- लोकतंत्र
- लौटना
- विश्वास
- शरद
- शिकायत
- संघर्ष
- सृजन
- स्त्री
- सफलता
- संबंध
- समुद्र
- समाज
- स्वप्न
- सांप्रदायिकता
- हिंसा