छेड़छाड़ पर कविताएँ
छेड़छाड़ शब्द का प्रयोग
छेड़खानी और प्रेम या सहज संबंधों में मनोविनोद—दोनों ही अर्थों में किया जाता है। लोक-समाज में छेड़छाड़ की समृद्ध परंपरा रही है जो त्योहारों, पारिवारिक आयोजनों आदि में लोकगीतों के रूप में अभिव्यक्त होती है।
छेड़खानी और प्रेम या सहज संबंधों में मनोविनोद—दोनों ही अर्थों में किया जाता है। लोक-समाज में छेड़छाड़ की समृद्ध परंपरा रही है जो त्योहारों, पारिवारिक आयोजनों आदि में लोकगीतों के रूप में अभिव्यक्त होती है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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