Font by Mehr Nastaliq Web

छेड़छाड़ पर व्यंग्य

छेड़छाड़ शब्द का प्रयोग

छेड़खानी और प्रेम या सहज संबंधों में मनोविनोद—दोनों ही अर्थों में किया जाता है। लोक-समाज में छेड़छाड़ की समृद्ध परंपरा रही है जो त्योहारों, पारिवारिक आयोजनों आदि में लोकगीतों के रूप में अभिव्यक्त होती है।

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए