मित्र पर बेला
मित्रता दो या दो से
अधिक व्यक्तियों के बीच का अंतर्वैयक्तिक बंधन है जिसके मूल में आत्मीयता होती है। मित्रता के गुणधर्म पर नीतिकाव्यों में पर्याप्त विचार किया गया है। इस चयन में मित्र और मित्रता-संबंधी अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।
'बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला...'
यह दो अक्टूबर की एक ठीक-ठाक गर्मी वाली दोपहर है। दफ़्तर का अवकाश है। नायकों का होना अभी इतना बचा हुआ है कि पूँजी के चंगुल में फँसा यह महादेश छुट्टी घोषित करता रहता है, इसलिए आज मेरी भी छुट्टी है। मेर
नवीन सागर को याद करेंगे कवि-प्रशंसक-प्रियजन
इस शुक्रवार यानी 27 सितंबर 2024 की शाम हौज़ ख़ास विलेज (नई दिल्ली) में हिंदी के एक अनूठे कवि-लेखक नवीन सागर [1948-2000] की स्मृति में एक रचना-समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह में रामकुमार तिवारी
श्रद्धांजलि : लोकगायक मांगे ख़ान मांगणियार
भूली चूकी करज्यो म्हाने माफ़ म्हारा मनड़ा मेळू रे राजस्थान के मांगणियार समाज का एक स्वर खो गया। मांगे ख़ान दिल्ली के एक सुविख्यात बैंड ‘बाड़मेर बॉयज’ का प्रतिनिधि गायक था। बहुत सुरीला गायक। उसका जन्म
मुग़लसराय से दिल्ली : मित्रता के तीस साल
मेरे एक मित्र हैं सुखलाल जी। उनसे मेरी मित्रता के लगभग तीस साल होने को हैं। वैसे तो वह मेरे साथ दिल्ली महानगर में एक प्रकाशन में काम कर चुके हैं, लेकिन उनसे और नज़दीकियाँ इसलिए हैं कि वह मेरे गाँव क्
शशिभूषण द्विवेदी के नाम : बारह कथाकारों, दो कवियों और एक आलोचक के पत्र
आज शशिभूषण द्विवेदी [26 जुलाई 1975—7 मई 2020] की जन्मतिथि है। वह आज सदेह होते, तब आज उनका पचासवाँ वर्ष लग जाता। एक रचनाकार रचना के लिए एक कंदरा का निर्माण करता है। इस कंदरा में वह संसार से थक-भागकर छ
एक रोज़ हम लौट आना चाहते हैं
मई 2024 तुमने कहा—जाती हूँ और तुमने सोचा कवि केदार की तरह मैं कहूँगा—जाओ लेकिन मेरी लोकभाषा के पास अपने बिंब थे मेरी लोकभाषा में कोई कहीं जाता था ‘तो आता हूँ’ कहकर शेष बच जाता था