Font by Mehr Nastaliq Web

भोजपुरी पर ग़ज़लें

भोर आके कतो

जगन्नाथ

जर रहल बा गाँव

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

हवा में बा

जगन्नाथ

अतना गुमान काहे

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

कही का, करी का

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

कतहीं चइता कतहीं

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

काहे उनका अभी

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

प्रीत के पाहुन

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

प्यार जग के सार

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

तू याद-झरोखे आ जा

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

बढ़त चान पर तक

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

दरदे अबले उपहार

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

नाव-नदी संयोग

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

घुट-घुट मरत बा

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

कबहूँ लिखा सकल

मनोज भावुक

बहुत नाच जिनिगी

मनोज भावुक

ना सुने के

गहबर गोवर्द्धन

पाँव कतनो जरी

गहबर गोवर्द्धन

आफत प बाटे आफत

गहबर गोवर्द्धन