Font by Mehr Nastaliq Web

मनोविज्ञान पर उद्धरण

मेरा मनोविज्ञान सभी का है।

अल्फ़्रेड एडलर

मनोविश्लेषण में एक भी विचार गौण नहीं है, उन विचारों के नगण्य होने का दिखावा इसलिए किया जाता है ताकि उन्हें बताया जाए।

शुलामिथ फ़ायरस्टोन

मनोवैज्ञानिक अध्ययन की दृष्टि से जेल को अत्यंत उपयुक्त परीक्षण-शाला कह सकते है। वहाँ कोई व्यक्ति देर तक मुँह पर नक़ाब नहीं रख सकता। जल्दी या देर में उसका असली रूप प्रकट हो ही जाता है जेल में मनुष्य के आंतरिक गुण और अवगुण सात परदों को फाड़कर बाहर निकल आते हैं।

इंद्र विद्यावाचस्पति

सवाल उठता है कि यह कौन तय करेगा कि सामान्य क्या है? सरकार ? समाज? क़ानून? मनोविश्लेषक? या हमें मानना होगा कि असामान्य और सामान्य को अलग करने वाला फ़ासला, बहुत धूमिल और लचीला है। यह सवाल साहित्य को जितना आड़े लेता है उतना ही मनोविज्ञान के सिद्धाँतों को।

मृदुला गर्ग

अगर बलात्कार को सती-च्युत होना मान कर हिंसा माना जाए तो अन्य हिंसा के शिकार की तरह, बलात्कृत स्त्री में आक्रोश या रोष तो होगा पर अपराधबोध नहीं। हालाँकि मनोवैज्ञानिक दृष्टि से पड़ताल करने पर हमें मानना पड़ता है कि, बलात्कार की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उस पर कोई एकांगी तर्क लागू नहीं किया जा सकता।

मृदुला गर्ग