चोर पर उद्धरण
चोरी करने वाला व्यक्ति
चोर कहा जाता है। चौर्यकर्म में निहित रहस्यात्मकता, कौतुक, दुस्साहसिकता के कारण कवियों द्वारा चोर पर्याप्त आकर्षण से कविता में तलब किए जाते रहे हैं।

चोरी के माल के साथ पकड़ा हुआ चोर अब कह ही क्या सकता है?

दूसरों के रचित शब्द और अर्थ का अपने प्रबंध में निवेश करना ‘हरण’, ‘चोरी’, ‘Plagiarism’ कहलाता है।