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निर्दोष पर उद्धरण

हमारे समाज में उपकार भी इस प्रकार किए जाते हैं कि स्वार्थ अधिक निर्दोष लगता है।

रघुवीर चौधरी

जो भी किसी निर्दोष कृति को देखना चाहता है, वह ऐसी वस्तु की बात सोचता है जो तो कभी थी, है और कभी होगी।

अलेक्ज़ेंडर पोप

शत्रुओं के द्वारा जो सच्चे हों ऐसे छोटे छोटे दोषों का आरोपण सज्जनों की निर्दोषता को सूचित करता है क्योंकि यदि सत्य दोष होगा तो झूठा दोष आरोपण करने के लिए कोई उद्योग नहीं करेगा।

श्रीहर्ष

यह अधिक अच्छा है कि दस दोषी व्यक्ति बच जाए अपेक्षाकृत इसके कि एक निर्दोष दंडित हो।

विलियम ब्लैकस्टोन