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दिल पर कविताएँ

कवियों-शाइरों के घर

दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।

हथेलियाँ

रेनू यादव

जाने से पहले

गीत चतुर्वेदी

पंचतत्व

गीत चतुर्वेदी

इतवार को अपने हृदय से

वीस्वावा षिम्बोर्स्का

पुरुषत्व एक उम्मीद

पंकज चतुर्वेदी

राई का दाना

मोनिका कुमार

मेरा दिल

बबली गुज्जर

‘हृदय पगडंडियाँ’

बबली गुज्जर

दिल की बात

राजेश सकलानी

उठो रौशनी करो

गार्गी मिश्र

शिरीष-सा मन

निधि अग्रवाल

अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह

अपूर्वा श्रीवास्तव

दिल और गिलास

सत्यम तिवारी

सीखो सच्चे दिल से

स्तेपान श्चिपाचोव

इतना लंबा आकाश

राजेंद्र यादव

मुखौटा

अपूर्वा श्रीवास्तव

बाईपास सर्जरी

चंदन सिंह

थिरकता हुआ हरापन

सुरेंद्र स्निग्ध

समुद्र-राग

अनादि सूफ़ी

सुख

श्रुति कुशवाहा

क्या जानूँ दिल को खींचे है

विष्णुचंद्र शर्मा

मत लो नाहक ज़िम्मेदारी...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

सघन पीर से हृदय भरा हो

आकृति विज्ञा 'अर्पण’

चाहना

प्रियंकर पालीवाल

मनुष्य-हृदय

उमाशंकर जोशी

सामिप्य

अपूर्वा श्रीवास्तव

सबसे आसान

अहर्निश सागर

दिल के लिए नहीं

ऋतु कुमार ऋतु

कोलंगुट में सूर्यास्त

सुरेंद्र स्निग्ध

तारीख़-तवारीख़

कौशल किशोर

मैं

सुमित त्रिपाठी

दुख का पता

नितेश व्यास

मैं मज़बूत क्यों नहीं लगती?

एंजेला एनिमा तिर्की

प्रार्थना

श्रुति कुशवाहा

मेरा दिल

मोहन लाल सपोलिया

कहानी बन जाते हैं

प्रज्ञा शर्मा

वो दिखा रहे हैं जल्वा...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

आस्था

निधि अग्रवाल