मेरा दिल

mera dil

बबली गुज्जर

बबली गुज्जर

मेरा दिल

बबली गुज्जर

और अधिकबबली गुज्जर

    मेरा दिल कहकहों में बहते हुए

    उन तमाम आँसुओं में डूबा हुआ एक गाँव था

    जो ज़िंदगी भर मुसाफ़िरों की बाट जोहता जोहता

    इतिहास की किताबों में बिना शामिल हुए

    गुमनाम रहते-रहते बिसर गया

    मेरा दिल बरसों स्टेशन जाकर

    किसी का इंतज़ार करता हुआ

    एक अकेला पड़ गया आदमी था

    जो एक दिन मंदिर के आँगन के

    गहरे कुएँ में डूबकर मर गया

    मेरा दिल था पुराने पुल के नीचे

    घर बसा लेने वाले पागल भिखारी का

    वो अनकहा अनसुना दुःख, जो एक नाम

    जगह तगाह लिखते-लिखते मर गया

    मगर कमाल की बात ये थी

    कि ये दुःख मेरे सीने से होंठों तक नहीं आया था

    मेरी आँखों तक पहुँचा दरिया बेशक कई-कई दफ़ा

    मगर तोड़कर बाँध खारा समंदर बह नहीं पाया था

    और उस समय जब ईश्वर

    नहीं दे रहा था मेरा साथ

    तुमने मुझे थमाया अपना हाथ

    मेरे सीने तक पहुँची थी एक आवाज़

    किसी नई ज़िंदगी का हुआ आग़ाज़

    मुझे मिला एक अंजान शहर में वो

    जिस प्रेम के लिए दिल उमर भर तड़पा

    मैं जब इंतज़ार भी नहीं कर रही थी

    मुझे मिला मेरी बाट जोहता...एक लड़का

    लड़का...जिसकी आँख शराब और होंठ गुलाब हैं

    लड़का...जिसके होने भर से जीवन में सुकून है

    जिसके संग दूर हुए जीवन के सब अज़ाब हैं

    जिसकी बाँहों में मेरी

    दुनिया भर की नाकामियाँ सुस्ता लेती हैं

    जिसके हाथ थामे चलूँ

    अँधेरों में मज़िलें ख़ुद रस्ता देती हैं

    उसके दिल में बसर कर लेने से रोशन

    मेरा जीवन मेरा क़स्बा मेरा घर, मेरा गाँव है

    ज़िंदगी में सिर्फ़ तुमने मुझे महसूस कराया...

    प्यार चेहरे की चाँदनी देखकर ठहरने का नहीं

    आँखों की नमी देखकर रुकने का नाम है

    स्रोत :
    • रचनाकार : बबली गुज्जर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

    पास यहाँ से प्राप्त कीजिए