दिल पर बेला
कवियों-शाइरों के घर
दिल या हृदय एक प्रिय शब्द की तरह विचरता है, जहाँ दिल की बातें और दिल के बारे में बातें उनकी कविताई में दर्ज होती रहती हैं। यह चयन दिल पर ज़ोर रखती ऐसी ही कविताओं में से किया गया है।
नल-दमयंती कथा : परिचय, प्रेम और पहचान
“...और दमयंती ने राजा नल को परछाईं से पहचान लिया!” स्वयंवर से पूर्व दमयंती ने नल को देखा नहीं था, और स्वयंवर में भी जब देखा तो कई नल एक साथ दिखे। इनके बीच से असली नल को पहचान लेना संभव नहीं था।