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अस्तित्व पर कविताएँ

शाम 6 बजे के उद्भव पर

मिरोस्लाव होलुब

आख़िरी प्याला

निकानोर पार्रा

हवा के कहे की गाथा

रफ़ाइल अलबर्ती

पूर्वराग

टॉमस ट्रांसट्रोमर

चुका हुआ नाम

गाब्रियल ओकारा

सफ़ेदी

चेस्लाव मीलोष

अतृप्ति

दर्शन बुट्टर

इसका क्या अर्थ है

चेस्लाव मीलोष

अहम्मन्य

स्टीफन स्पेंडर

लौह-सेब

वास्को पोपा

गूँगापन

बेला अख़्मादूलीना

जाड़े की एक रात

टॉमस ट्रांसट्रोमर

मास्को की सुबह

अलेक्सांद्र ब्लोक

शिनाख़्त का सच

दर्शन बुट्टर

टेबल क्लॉथ

जोवान्नी राबोनी

एक कविता

अय्यप्प पणिक्कर

कविता, ख़ाली कविता

चाङ् ह्यान जाङ्

ईश्वर

श्री अरविंद

इतना ज़रूर करो

नारायण सुर्वे

धन्य हो प्रभु!

रहमान राही

तुम और मैं

गुलाब नबी फ़िराक़

काला भ्रम

वसंत आबाजी डहाके

विद्युत वाणी

टी. एस. एलियट

जल समाधि

टी. एस. एलियट

यहाँ

ओक्ताविओ पाज़

पोस्ट आर्काइव

सत्यव्रत रजक

मिट्टी

फेदोर सोलोगुब

समीकरण

प्रियंकर पालीवाल

प्रेम और अस्तित्व

उत्कर्ष पांडेय

जब तलक मैं था...

ज्ञानराज माणिकप्रभु