संस्कृत कविता पर उद्धरण
संस्कृत के महत्त्वपूर्ण
कवियों की श्रेष्ठ और लोकप्रिय कविताओं से एक चयन।

कालिदास विरह के कवि नहीं हैं।

शब्द और अर्थ दोनों मिलकर ही काव्य कहलाते हैं। यह काव्य दो प्रकार का होता है : गद्य और पद्य। संस्कृत, प्राकृत और इनसे भिन्न अपभ्रंश—भाषा के आधार पर यह तीन प्रकार का होता है।
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विशेषता बताने की इच्छा से इष्ट वस्तु का निषेध-सा करना आक्षेप अलंकार कहलाता है।

‘उपमाकालिदासस्य...’ के बावज़ूद सौ में निन्यानवे उपमाओं को कालिदास ने वाल्मीकि से प्राप्त किया है।