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अनुवाद पर कविताएँ

तुम देखते हो...

अलेक्सांद्र ब्लोक

वसीयत

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

प्रतीक्षा न करो...

अलेक्सांद्र ब्लोक

सुबह का गीत

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

यह उत्कट जिप्सी प्रेम

मारीना त्स्वेतायेवा

दांते की समाधि के पास

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

बुलाना नहीं...

अलेक्सांद्र ब्लोक

रात के धुँधलके से ढकी

अलेक्सांद्र ब्लोक

सैर

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

क़ब्रगाह के पायदान...

अलेक्सांद्र ब्लोक

आएँगे दिन उन कविताओं के

मारीना त्स्वेतायेवा

समाधि-लेख

मारीना त्स्वेतायेवा

किसी ने भी छीना नहीं

मारीना त्स्वेतायेवा

रात में जब

अलेक्सांद्र ब्लोक

बढ़ती हैं चिंताएँ...

अलेक्सांद्र ब्लोक

हरेक की ओर

मारीना त्स्वेतायेवा

माथा चूमने पर

मारीना त्स्वेतायेवा

चुप है आत्मा...

अलेक्सांद्र ब्लोक

इस महानगर में

मारीना त्स्वेतायेवा

दूसरों के भ्रामक सौंदर्य

मारीना त्स्वेतायेवा

कल, मौत के बारे में सोचते हुए

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

एक है चेहरा दुनिया का

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

एक झील जंगल में

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

कविताएँ पढ़ते हुए

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

कवि ही रहूँगी

मारीना त्स्वेतायेवा

याद है क्या तुम्हें...

अलेक्सांद्र ब्लोक

तारों और गुलाबों की तरह

मारीना त्स्वेतायेवा

स्मृतियाँ

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

रात-भर न सो पाने के बाद

मारीना त्स्वेतायेवा

जम जाएँगे ठंड से दो सूर्य

मारीना त्स्वेतायेवा

पानी में आदमी

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

बिल्लियाँ

मारीना त्स्वेतायेवा

अनुवाद

विशाखा मुलमुले

तुम पहनाओगे मुझे...

अलेक्सांद्र ब्लोक

आह्वान की प्रतीक्षा...

अलेक्सांद्र ब्लोक

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