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झील पर कविताएँ

कविताओं और गीतों में

प्रेमिकाओं की आँखों की गहराई को व्यक्त करने के लिए झील प्राय: आती रही है। इस आगमन से इतर भी कविता में यह बहुत बार सीधे उपस्थित रही है। यहाँ प्रस्तुत हैं—झील विषयक कुछ कविताएँ।

एक झील जंगल में

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

झील

हेमंत देवलेकर

पहाड़ी झील

कुँवर नारायण

बरकुल : चिलका झील

गिरिजाकुमार माथुर

झील

साैमित्र मोहन

झील एक नाव है

प्रेमशंकर शुक्ल

स्वयंप्रभा झील

दूधनाथ सिंह

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