Font by Mehr Nastaliq Web

झील पर गीत

कविताओं और गीतों में

प्रेमिकाओं की आँखों की गहराई को व्यक्त करने के लिए झील प्राय: आती रही है। इस आगमन से इतर भी कविता में यह बहुत बार सीधे उपस्थित रही है। यहाँ प्रस्तुत हैं—झील विषयक कुछ कविताएँ।

झील

प्रसून जोशी

संबंधित विषय

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए