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मिलान कुंदेरा

1929

मिलान कुंदेरा के उद्धरण

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जब ताक़तवर लोग इतने कमज़ोर थे कि वे कमज़ोर को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते थे, तब कमज़ोर व्यक्तियों को इतना मज़बूत होना चाहिए था कि वे चले जाते।

आदमी अपनी अज्ञानता के लिए ख़ुद ज़िम्मेदार है।

जब कोई व्यक्ति कुछ भी या किसी को भी गंभीरता से नहीं लेता, वह उदास जीवन जीता है।

जो व्यक्ति अपनी गोपनीयता खो देता है, वह सब कुछ खो देता है; और जो आदमी जो इसे अपनी मर्ज़ी से त्याग देता है, वह राक्षस है।

प्रेम की भावना हम सभी को दूसरे व्यक्ति को जानने की भ्रामक मिथ्या धारणा देती है।

एकांत : रूप की प्यारी-सी अनुपस्थिति।

जब दिल बोलता है, तब मन को उस पर आपत्ति करना अभद्र लगता है।

ताक़त के विरुद्ध मनुष्य का संघर्ष भूलने के विरुद्ध स्मृति का संघर्ष है।

इंसान का गुण स्वयं का विस्तार करने, स्वयं से बाहर निकलने और अन्य लोगों में और उनके लिए मौजूद रहने की क्षमता में निहित है।

उसे औरत के रूप में पैदा होने के ख़िलाफ़ विद्रोह करना उतना ही मूर्खतापूर्ण लगा जितना कि उस पर गर्व करना।

घृणा हमें हमारे विरोधी से बहुत मज़बूती से बाँधकर हमें अपने जाल में फँसा लेती है।

हँसना गहराई से जीना है।

स्वर्ग की तृष्णा मनुष्य के मनुष्य होने की ललक है।

जीवन का महत्त्व क्या हो सकता है, अगर जीवन के लिए पहला पूर्वाभ्यास जीवन ही हो?

आप दो व्यक्तियों के आपसी प्रेम को उनके द्वारा परस्पर बोले गए शब्दों से नहीं माप सकते हैं।

दो लोगों का प्यार में दुनिया से दूर, अकेले होना, यह सुंदर है।

ऐसी दुनिया में रहना नर्क में रहने के समान है, जहाँ किसी को माफ़ नहीं किया जाता और जहाँ सभी कभी सुधर सकने लायक़ हैं।

प्यार साम्राज्य की तरह होता है : जिस विचार पर वह आधारित होता है, जब वह चकनाचूर हो जाए, तब प्रेम भी फीका पड़ जाता है।

हमें कभी भी भविष्य को स्मृति के बोझ के नीचे दब नहीं जाने देना चाहिए।

सौभाग्यवश स्त्रियों में घटना घट जाने के बाद अपने कार्यों के अर्थ को बदलने की चमत्कारी क्षमता होती है।

जब ताक़तवर लोग इतने कमज़ोर थे कि वे कमज़ोर को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते थे, तब कमज़ोर व्यक्तियों को इतना मज़बूत होना चाहिए था कि वे चले जाते।

क्या यह सच नहीं है कि लेखक केवल अपने बारे में लिख सकता है?

प्यार उस आधे भाग के लिए चाह है जिसे हमने खो दिया है।

जो आदमी उस जगह को छोड़ना चाहता है, जहाँ वह रहता है, वह दुखी आदमी है।

कोई परिपूर्णता नहीं है, केवल जीवन है।

हम कभी नहीं जान सकते कि हम क्या चाहते हैं, क्योंकि एक ही जीवन जीने के चलते, हम तो इसकी तुलना अपनी पिछली ज़िंदगियों से कर सकते हैं और ही इसे अपनी आने वाली ज़िंदगियों में सुधार सकते हैं।

प्यार उस आधे भाग के लिए चाह है जिसे हमने खो दिया है।

प्यार या तो पागल है या कुछ भी नहीं है।

एक उपमा भी प्यार को जन्म दे सकती है।

अगर आप अनंत की तलाश कर रहे हैं, तब बस अपनी आँखें बंद कर लीजिए!

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ख़ुशी दुहराने की तड़प है।

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मैं चाहता हूँ कि तुम उतने कमज़ोर हो जाओ जितना कमज़ोर मैं हूँ।

…चूँकि प्यार निरंतर पूछताछ है। मैं प्यार की इससे बेहतर परिभाषा के बारे में नहीं जानता।

जितनी अधिक अस्पष्टता होगी, आनंद उतना ही अधिक होगा।

अगर एक बार उसके प्यार को प्रचारित कर दिया गया, तब उसका वज़न बढ़ जाएगा, वह बोझ बन जाएगा।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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