ज़ुबैर सैफ़ी के बेला
वालिद के नाम एक ख़त
प्यारे अब्बा! मैं जानता हूँ कि मैं इस तहरीर के पहले लफ़्ज़ को आपको पुकारने के लिए इस्तेमाल करने के लायक़ नहीं हूँ। मैं यह भी जानता हूँ कि मैंने होश सँभालने से लेकर अब तक आपको सिर्फ़ दुख पहुँचाया ह
जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।
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