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व्यवस्था पर कविताएँ

समय गीत

रोशन जनकपुरी

सहरसा छी हम

मुख्तार आलम

लड़ाइ जारी अछि

विभूति आनंद

बिखाह मौसम

रोशन जनकपुरी

कुपंथी औलाद

रफ़ीक़ शादानी

चक्रचालि

रमानन्द रेणु

पूर्णतः

विभूति आनंद

सफलताक आकाशमे

मुख्तार आलम

नायक हूँ

सतीश सम्यक

व्यवस्था

रमानन्द रेणु

तमाशा

सुस्मिता पाठक