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अभिसार पर कविताएँ

भारतीय साहित्यशास्त्र

में ‘नायिका का नायक के पास जाना’ या ‘दूती या सखी द्वारा नायक को अपने पास बुलाना’ अभिसार कहा गया है। इस अर्थ में अभिसार में प्रवृत्त नायिका को ‘अभिसारिका’ कहा गया है। प्राचीन कवियों ने अभिसारिका को सभी नायिकाओं में सर्वाधिक मधुर, आकर्षक और प्रेमाभिव्यंजिका बताया है। काव्य के साथ ही चित्रकला में भी अभिसार का व्यापक अंकन हुआ है।

स्त्री के पैरों पर

प्रियंका दुबे

इच्छा

उपासना झा

पलाश

मनोज कुमार पांडेय

एकांत

सारुल बागला

प्रेमिकाएँ

सुदीप्ति

संधि-बेला

कंचन जायसवाल

रंगरसिया

सुशोभित

प्रेम में अनकहा

रूपम मिश्र

राग

बेबी शॉ

अभिसारिका

पंकज प्रखर

अभिसार

उपासना झा

भाषा

बेबी शॉ

वह

राजेश कमल

मस्तराम

आयुष झा

नीलकमल

वीरेंद्र कुमार जैन

शब्दहीन मिलन

अमर दलपुरा

रंग सारे!

प्रमोद बेड़िया

भाविनी

पंकज प्रखर

अतिरिक्त दरवाज़ा

ज्योति रीता

अभिसार

अरुण देव

मुझ पर

माधुरी

आओ करें आनंद-केलि

अनिल जनविजय

साँस रोके समय में

स्निग्धा बनर्जी

वसंतसेना

विपिन चौधरी

अभिसारिका

विपिन चौधरी

आज मंदाकिनी-जल में

चंद्रकुँवर बर्त्वाल

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