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अभिसार पर कुंडलियाँ

भारतीय साहित्यशास्त्र

में ‘नायिका का नायक के पास जाना’ या ‘दूती या सखी द्वारा नायक को अपने पास बुलाना’ अभिसार कहा गया है। इस अर्थ में अभिसार में प्रवृत्त नायिका को ‘अभिसारिका’ कहा गया है। प्राचीन कवियों ने अभिसारिका को सभी नायिकाओं में सर्वाधिक मधुर, आकर्षक और प्रेमाभिव्यंजिका बताया है। काव्य के साथ ही चित्रकला में भी अभिसार का व्यापक अंकन हुआ है।

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