
लोग जितना बदल सकते हैं, वे उससे कहीं ज़्यादा आसानी से रो सकते हैं।

रोकर दुख कम करना कायरों का काम है। दुख हमारी रीढ़ है।

मक्कार आदमी को अपनी भावनाओं पर जो अधिकार होता है, वह किसी बड़े योगी के लिए भी कठिन है। उसका दिल रोता है मगर होंठ हँसते हैं, दिल ख़ुशियों से मज़े लेता है मगर आँखें रोती हैं, दिल डाह की आग से जलता है, मगर ज़ुबान से शहद और शक्कर की नदियाँ बहती हैं।

मैं रोती नहीं हूँ। दुर्भाग्यवश, मुझे रोना कम आता है, इसलिए मेरे दुख मेरे अंदर ही रहते हैं।

मनुष्य की सच्ची परीक्षा विपत्ति में ही होती है और घाव रोने-धोने से कभी नहीं भरा करते।

पत्थर भी रोने लगता है और वज्र का हृदय भी टुकड़े-टुकड़े हो जाता है।

मेरे ग्रंथों में मेरी आत्मा रोती है और उसके रोने को जो कोई सुनता है, वही मेरा सच्चा मित्र है।

गंभीर हाथी मदमस्त होकर अपनी मौज से चला जा रहा है। हे राजिया! कुत्ते क्यों रो-रोकर भौंकते है?